आईपीएल 2025 की शुरुआत में सनराइजर्स हैदराबाद ने जिस अंदाज़ में धमाका किया था, उससे हर क्रिकेट प्रेमी को यही लगा कि यह टीम इस बार चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार है। पहले ही मैच में बनाए गए 286 रन आईपीएल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर था। लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह हैरान कर देने वाला है। पैट कमिंस की अगुवाई वाली टीम ने एक के बाद एक लगातार चार मैच गंवा दिए।
पैट कमिंस की कप्तानी में दरारें
पैट कमिंस को बड़ी उम्मीदों के साथ कप्तान बनाया गया था। उनकी आक्रामक सोच और अंतरराष्ट्रीय अनुभव टीम के लिए वरदान साबित हो सकते थे, लेकिन अब तक वह न कप्तानी में चमत्कार दिखा पाए और न ही गेंद से कमाल कर सके।
- 5 मैचों में सिर्फ 4 विकेट
- इकोनॉमी रेट: 11.33
- गेंदबाज़ी में खर्च किए 186 रन (16.4 ओवर में)
ऐसे आंकड़े किसी भी फ्रेंचाइज़ी कप्तान के आत्मविश्वास को डगमगा सकते हैं। कप्तान खुद ही रन लुटा रहे हों तो बाकी टीम पर उसका असर पड़ना तय है।
नीतीश कुमार रेड्डी का फॉर्म में गिरावट
नीतीश कुमार रेड्डी, जिन्होंने पिछले सीजन में अपने प्रदर्शन से सबको चौंकाया था और बाद में टेस्ट क्रिकेट में भी धमाल मचाया, इस सीजन में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए हैं।
- 5 पारियों में 112 रन
- औसत: 22
- स्ट्राइक रेट: 119
- सबसे बड़ी पारी: 32 रन
मिडल ऑर्डर की रीढ़ समझे जाने वाले रेड्डी का इस तरह आउट ऑफ फॉर्म होना टीम के लिए बड़ा झटका रहा है।
ईशान किशन की चमक फीकी
पहले ही मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ शतक जड़ने वाले ईशान किशन अब संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं। उनका खराब फॉर्म SRH की हार का बड़ा कारण बन रहा है।
- पहले मैच में शतक, फिर लगातार चार मैचों में कुल 27 रन
- औसत: 6.75
- फैंस अब उनका शतक भी भूल चुके हैं

एक ओपनर अगर टीम को ठोस शुरुआत न दे पाए तो पूरे बल्लेबाज़ी क्रम पर दबाव बढ़ जाता है, यही हाल हैदराबाद के साथ हुआ।
अभिषेक शर्मा की बल्ले से चुप्पी
अभिषेक शर्मा ने आईपीएल 2024 में छक्कों की बारिश कर दी थी और टीम इंडिया तक पहुंचने में सफल रहे थे। लेकिन इस सीजन में उनकी बल्ले से चुप्पी टीम के लिए चिंता का विषय है।
- 5 मैचों में सिर्फ 51 रन
- अब तक एक भी छक्का नहीं
- पिछले सीजन में सबसे ज़्यादा छक्के मारने वाले खिलाड़ी
जिस खिलाड़ी से तेज़ शुरुआत की उम्मीद हो, वह जब रन बनाने में नाकाम हो, तो टीम की रीढ़ ही कमजोर हो जाती है।
बॉलिंग यूनिट का बिखराव
सनराइजर्स हैदराबाद की गेंदबाज़ी हमेशा से उनकी ताकत रही है, लेकिन इस बार टीम की बॉलिंग यूनिट न तो विकेट निकाल रही है और न ही रन रोक पा रही है।
- टी. नटराजन और भुवनेश्वर कुमार पुराने फॉर्म में नहीं दिखे
- स्पिनर का असर न के बराबर
- डेथ ओवर्स में रन लुटने की दर लगातार बढ़ रही है
गुजरात टाइटंस के खिलाफ 7 विकेट से हार इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है। मैच के शुरुआती हिस्से में विपक्षी टीम को दबाव में लेने की जगह, SRH के गेंदबाज़ खुद ही दबाव में आ गए।
मिडल ऑर्डर का ढहना
SRH का मिडल ऑर्डर ना तो साझेदारी निभा पा रहा है और न ही मैच को फिनिश कर पा रहा है। हैरी ब्रूक की अनुपस्थिति और रेड्डी-अभिषेक जैसे खिलाड़ियों का फ्लॉप रहना इसकी वजह है।
- बार-बार मिडल ओवर में विकेट गिरना
- रन रेट घटने से दबाव बनना
- फिनिशिंग पावर की कमी
टीम को चाहिए कि मिडल ऑर्डर में एक ऐसा बल्लेबाज़ हो जो 10 ओवर के बाद रनों की गति बनाए रख सके।
टीम कॉम्बिनेशन और रणनीति की गड़बड़ी
लगातार हार का एक बड़ा कारण यह भी है कि SRH की टीम कॉम्बिनेशन में स्थिरता नहीं है। हर मैच में कुछ ना कुछ बदलाव देखने को मिला है, जिससे प्लेयर्स में आत्मविश्वास की कमी आई है।
- हर मैच में नई प्लेइंग इलेवन
- स्पष्ट रणनीति का अभाव
- बैकअप खिलाड़ियों पर भरोसे की कमी
कभी-कभी अधिक बदलाव भी टीम की लय बिगाड़ देता है, जो SRH के मामले में साफ़ नज़र आता है।
क्या अभी भी प्लेऑफ की उम्मीद बाकी है?
आईपीएल एक लंबा टूर्नामेंट है, और अब भी सनराइजर्स हैदराबाद के पास वापसी का मौका है। लेकिन इसके लिए जरूरी है:
- कप्तान पैट कमिंस खुद से शुरुआत करें
- ओपनिंग जोड़ी को रन देने होंगे
- टीम कॉम्बिनेशन को स्थिर किया जाए
- बॉलिंग अटैक में धार लौटाई जाए
टीम में टैलेंट की कोई कमी नहीं, कमी है तो आत्मविश्वास और सही रणनीति की। अगर आने वाले 3-4 मैचों में टीम ने वापसी की, तो प्लेऑफ की राह फिर से खुल सकती है।
निष्कर्ष
सनराइजर्स हैदराबाद ने जिस धमाकेदार अंदाज़ में आईपीएल 2025 की शुरुआत की थी, उससे हर किसी को उम्मीद थी कि यह टीम फाइनल तक पहुंच सकती है। लेकिन लगातार चार हार ने टीम की रणनीति, संयोजन और खिलाड़ियों के फॉर्म पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि SRH को इस सीजन को बचाना है तो उन्हें तुरंत अपनी कमजोरियों को पहचानकर उस पर काम करना होगा। वरना यह सीजन भी बीते वर्षों की तरह निराशा में खत्म हो सकता है।