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लखनऊ, 28 अगस्त 2025: भारत के नए अंतरिक्ष सितारे और इसरो के गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने गृहनगर लखनऊ में अब शनिवार तक रुकेंगे। उनके प्रवास में इस अप्रत्याशित बदलाव से परिवार और प्रशासन दोनों ही खुश हैं। शुभांशु मिशन पूरा करने के बाद सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे और अब तीन दिन और यहां रहकर परिवार के साथ समय बिताएंगे।
प्रवास में बदलाव और प्रबंधन
शुभांशु शुक्ला का मूल कार्यक्रम उनके बुधवार को दिल्ली लौटने का था, लेकिन अचानक शेड्यूल में बदलाव किया गया। इसकी जानकारी अति विशिष्ट अतिथि गृह नैमिषारण्य के प्रबंधन को भी दे दी गई है, ताकि उनके ठहरने और सुरक्षा की उचित व्यवस्था बनी रहे। दिलचस्प बात यह है कि इतने लंबे प्रवास के बावजूद, शुभांशु अपने त्रिवेणी नगर स्थित स्थायी घर नहीं जा पाएंगे, जो उनकी व्यस्त और सुरक्षा-केंद्रित दिनचर्या को दर्शाता है।
परिवार के साथ सादगीभरा समय
बुधवार का दिन शुभांशु ने पूरी तरह से अपने परिवार के नाम कर दिया। वह दोपहर बाद तक गेस्ट हाउस में ही रहे और अपने माता-पिता, पत्नी, बेटे और बहन के साथ आम, सहज पलों का आनंद लिया। उनकी बहन शुचि शुक्ला ने बताया, “वह ज्यादातर समय गेस्ट हाउस में ही रहे। परिवार के साथ सामान्य भोजन किया और ब्लैक कॉफी का भी भरपूर आनंद लिया। यह समय हम सभी के लिए बेहद खास है।”
गगनयात्री का साधारण जीवन, असाधारण प्रेरणा
अंतरिक्ष से लौकर धरती पर आए इस हस्ती के खान-पान में कोई विशेष लिप्सा नहीं देखी गई। गेस्ट हाउस के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने नाश्ते में आलू के पराठे और दही का जायका लिया। दोपहर के भोजन में दाल-चावल, रोटी, पनीर की सब्जी और सलाद शामिल था। शाम को भी उन्होंने कोई विशेष आर्डर नहीं दिया, बल्कि मेन्यू के अनुसार ही खाना लिया। यह सादगी उनके व्यक्तित्व की झलक देती है।

लखनऊ आने के बाद की व्यस्त दिनचर्या
शुभांशु शुक्ला सोमवार सुबह 8:45 बजे लखनऊ पहुंचे थे। पहले दिन का शेड्यूल काफी व्यस्त रहा। वह सुबह से दोपहर तक सीएमएस गोमतीनगर विस्तार में रहे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। शाम को उन्होंने लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया। दूसरे दिन सुबह वह सीएमएस अलीगंज शाखा पहुंचे, जहाँ उन्होंने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और उन्हें प्रेरित किया। शाम को उन्होंने परिवार के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंट की।
ऐतिहासिक मिशन की सफलता
गौरतलब है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को नासा के साथ एक्सिओम मिशन-4 पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पहुंचे थे। वहां उन्होंने 18 दिनों तक रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इसके बाद स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए वह सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए। 17 अगस्त को वह दिल्ली पहुंचे थे, जहाँ से सीधे लखनऊ के लिए रवाना हुए।
आगे की राह
शनिवार तक लखनऊ में रहने के बाद, गगनयात्री शुभांशु शुक्ला के फिर से दिल्ली लौटने की उम्मीद है। इस बढ़े हुए प्रवास ने न केवल उनके परिजनों, बल्कि पूरे शहर को खुशी दी है। एक आम इंसान की तरह सादा जीवन जीने वाले शुभांशु आज देश के करोड़ों युवाओं, खासकर उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन गए हैं।
निष्कर्ष:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का लखनऊ प्रवास न सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री की घरेलू वापसी की कहानी है, बल्कि यह एक ऐसे हीरो की कहानी है जो तारों को छूकर भी अपनी जड़ों से गहरा प्यार करता है। उनकी सादगी और परिवार के प्रति लगाव यह साबित करता है कि महान उपलब्धियाँ हमें जमीन से जुड़े रहने से नहीं रोकतीं, बल्कि और विनम्र बनाती हैं। लखनऊ के लिए यह गर्व का क्षण है और शुभांशु के लिए, यह घर की मिट्टी की खुशबू में कुछ और दिन बिताने का एक सुनहरा मौका।