मुजफ्फरपुर: बिहार की सियासत गरमाते हुए चुनावी माहौल में एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ के दौरान मुजफ्फरपुर में हुई एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर राजनीति गर्मा गई है। जहाँ एक तरफ BJP ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है, वहीं घटना स्थल पर मौजूद एक कांग्रेस नेता ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।
क्या हुआ था विवाद?
रविवार को मुजफ्फरपुर के बिठौली में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम के दौरान यह विवाद शुरू हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब राहुल गांधी के जाने के बाद मंच पर कुछ लोग रहे गए, तो किसी व्यक्ति ने माइक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अशालीन और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होना शुरू हो गया।
कांग्रेस नेता का बयान: “घोर निंदा करता हूं, माफी मांगता हूं”
इस विवाद पर घटना स्थल पर मौजूद एक कांग्रेस नेता ने तत्परता से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हम लोग 20 साल से पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हम लोग कभी इस तरीके की ओछी और घटिया तरीके की हरकत नहीं करते हैं। वह हमारे भी देश के प्रधानमंत्री हैं और सारे देश के प्रधानमंत्री हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी के रैली स्थल से प्रस्थान करने के बाद ही यह घटना हुई और उनकी भीड़ वहां से निकल चुकी थी। उन्होंने अनुमान जताया कि यह कार्य किसी “माइनर” (नाबालिग) लड़के ने किया होगा और दावा किया कि मंच पर मौजूद कुछ लोगों ने उसे थप्पड़ मारकर माइक छीन लिया था।
अपनी पार्टी की ओर से खेद जताते हुए नेता ने कहा, “जिसने भी इस तरीके की गाली-गलौज की है, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं और मैं माफी मांगता हूं। मैं क्षमा मांगता हूं… किसी भी पार्टी के नेता के खिलाफ इस तरह की घटिया और अशब्द भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।”
BJP का जवाबी हमला: “सामंतवादी लोग, बौखला गए हैं”
विपक्षी दलों की इस घटना की आलोचना करने में देरी नहीं लगी। BJP नेता और बिहार के पूर्व प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस और RJD पर जोरदार हमला बोला।
उन्होंने कहा, “जिन्होंने दशकों तक बिहार में बम, बंदूक और लाठी के आधार पर गरीबों की वोट को लूटा, वही आज वोट चोरी के बारे में ज्यादा चिल्ला रहे हैं। ये लोग फ्रस्ट्रेटेड हो चुके हैं। आज तो सारे हद पार किए। इन्होंने देश की लोकप्रिय प्रधानमंत्री के नाम लेके अपशब्द कहे, गाली-गलौज किए। क्या यही उनकी राजनीतिक आदर्श है? ये सामंतवादी लोग हैं, इनकी पैर के नीचे से जमीन जा चुकी है, बौखला गए हैं।”
कांग्रेस का रुख: “ध्यान भटकाने की कोशिश”
दूसरी ओर, कांग्रेस ने BJP के इन आरोपों को ‘ध्यान भटकाने की कोशिश’ करार दिया है। एक कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “ये सब ध्यान भटकाने की बातें हैं। ना हमारी परंपरा है इस तरह की, ना हम कोई ऐसी बात करते हैं। लेकिन BJP सवालों के इतने तीखे हैं कि जवाब नहीं दे पा रहे, इसलिए इस तरह के अनर्गल मुद्दों को उठा रहे हैं जो कि हमारे यहां से हो ही नहीं सकता।”
प्रवक्ता ने BJP पर मुद्दों से भटकने का आरोप लगाते हुए कहा, “वे कह रहे हैं नरेंद्र मोदी गंगाजल की तरह पवित्र हैं। क्लीन गंगा प्रोजेक्ट में तो अरबों खर्च हुआ, अभी तक गंगा साफ नहीं हुई। यह अपनी छवि चमकाने के लिए पैसा खर्च कर चुके हैं, लेकिन छवि और खराब होती जा रही है।”
निष्कर्ष: चुनावी माहौल में गरमाता राजनीतिक दौर
बिहार में चुनावी रण शुरू होने से पहले ही यह विवाद राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगा है। एक तरफ जहाँ BJP, कांग्रेस और RJD गठबंधन पर आदर्श राजनीति से भटकने का आरोप लगा रही है, वहीं विपक्ष इसे सत्ता पक्ष की मजबूरी और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की रणनीति बता रहा है।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि बिहार की राजनीति में शब्दों और प्रतीकों का कितना महत्व है। चुनाव नजदीक आने के साथ ही ऐसे विवादों और आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज होने की उम्मीद है। आम जनता का ध्यान अब इस बात पर होगा कि दल गंभीर मुद्दों पर बहस करेंगे या व्यक्तिगत आक्षेपों के दौर में ही उलझे रहेंगे।