विषय-सूची

  1. परिचय
  2. भारत में ऑनलाइन अश्लीलता की समस्या
  3. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 क्या कहता है?
  4. आईटी नियम, 2021 और उनकी भूमिका
    • 4.1 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की ज़िम्मेदारी
    • 4.2 सामग्री को हटाने के लिए समय सीमा
    • 4.3 शिकायत निवारण तंत्र
  5. ऑनलाइन अश्लीलता पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम
    • 5.1 राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
    • 5.2 भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
    • 5.3 महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएँ
    • 5.4 वेबसाइटों और पोर्टल्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया
  6. ओटीटी प्लेटफॉर्म और उनके लिए बनाए गए नियम
  7. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की भूमिका और निर्देश
  8. सरकार द्वारा साइबर अपराध जागरूकता अभियान
  9. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
  10. निष्कर्ष
  11. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. परिचय

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसके साथ ही ऑनलाइन अश्लील सामग्री की उपलब्धता और इससे जुड़े साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं। इस लेख में, हम भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन अश्लीलता के खिलाफ उठाए गए विभिन्न उपायों और नीतियों पर चर्चा करेंगे।

2. भारत में ऑनलाइन अश्लीलता की समस्या

इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध अश्लील सामग्री, खासकर बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री (CSAM), एक गंभीर चिंता का विषय है। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा पर असर पड़ता है, बल्कि यह समाज में नैतिकता और सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करता है।

भारत सरकार की नई आईटी नीतियाँ

3. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 क्या कहता है?

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) के तहत अश्लील सामग्री प्रकाशित करने या प्रसारित करने पर सख्त सज़ा का प्रावधान है। विशेष रूप से बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री को प्रसारित करने वालों के लिए और भी कठोर दंड तय किए गए हैं।

4. आईटी नियम, 2021 और उनकी भूमिका

4.1 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की ज़िम्मेदारी

आईटी नियम, 2021 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद सामग्री की निगरानी करने और अश्लील या अवैध सामग्री को हटाने के लिए सख्त दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

4.2 सामग्री को हटाने के लिए समय सीमा

यदि कोई सामग्री किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन करती है, तो संबंधित प्लेटफॉर्म को 24 घंटे के भीतर उसे हटाना होगा। इसमें न्यूडिटी, सेक्सुअल कंटेंट और अन्य आपत्तिजनक सामग्री शामिल हैं।

4.3 शिकायत निवारण तंत्र

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए शिकायत निवारण अधिकारी (Grievance Officer) की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है, जिससे यूज़र्स अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

5. ऑनलाइन अश्लीलता पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम

5.1 राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल

सरकार ने नागरिकों के लिए www.cybercrime.gov.in पोर्टल लॉन्च किया है, जहाँ वे साइबर अपराधों की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

5.2 भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)

I4C, साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक केंद्रीय निकाय है, जो विशेष रूप से बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है।

5.3 महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएँ

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं। इसके तहत राज्यों को फंडिंग भी दी जाती है।

भारत सरकार की नई आईटी नीतियाँ

5.4 वेबसाइटों और पोर्टल्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया

सरकार ने इंटरपोल से प्राप्त सूचियों के आधार पर कई वेबसाइटों को ब्लॉक किया है। साथ ही, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को इन वेबसाइटों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

6. ओटीटी प्लेटफॉर्म और उनके लिए बनाए गए नियम

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए एक कोड ऑफ एथिक्स बनाया गया है, जिसमें 18+ सामग्री पर आयु सत्यापन अनिवार्य किया गया है।

7. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की भूमिका और निर्देश

इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को पेरेंटल कंट्रोल फ़िल्टर्स लगाने और अवैध सामग्री को रोकने के लिए तकनीकी उपाय अपनाने का निर्देश दिया गया है।

8. सरकार द्वारा साइबर अपराध जागरूकता अभियान

सरकार ने साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए Twitter हैंडल @cyberDost और रेडियो अभियानों की शुरुआत की है।

9. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

NCRB और अमेरिका स्थित NCMEC के बीच समझौते के तहत, बाल यौन शोषण से जुड़ी रिपोर्ट्स को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाता है।

10. निष्कर्ष

भारत सरकार ऑनलाइन अश्लीलता और साइबर अपराधों को रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रही है। हालांकि, नागरिकों की भी ज़िम्मेदारी है कि वे साइबर अपराधों की रिपोर्ट करें और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा दें।

11. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: ऑनलाइन अश्लील सामग्री की रिपोर्ट कहाँ की जा सकती है?
A1: www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर रिपोर्ट की जा सकती है।

Q2: आईटी नियम, 2021 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A2: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ज़िम्मेदार बनाना और अवैध सामग्री को रोकना।

Q3: क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए गए हैं?
A3: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को आयु-उपयुक्त सामग्री वर्गीकरण का पालन करना आवश्यक है।

Q4: क्या सरकार सोशल मीडिया की निगरानी करती है?
A4: सरकार सोशल मीडिया की प्रत्यक्ष निगरानी नहीं करती, लेकिन नियमों का पालन सुनिश्चित करती है।

Q5: साइबर अपराधों से बचने के लिए क्या करें?
A5: मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और जागरूक रहें।

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